Wednesday, April 17, 2024

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 आयुर्वेद और हमारा जीवन:

आयुर्वेद प्रकृति का अनमोल उपहार जिसकी उत्पत्ति का सारा श्रेय अथर्ववेद को जाता है, जहाँ कई बीमारियों का उल्लेख और उनके उपचारों की सभी जानकारी इस वेद में दिया गया है। आयुर्वेद का मूल सार यह है कि पुरे ब्रह्मांडके जीवित प्राणी का समावेश पाँच तत्वों जैसे वायु, जल, अंतरिक्ष, पृथ्वी और अग्नि से बना है। ये पाँच तत्व हमेशा पंचमहाभूत को भी संदर्भित करते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा भारत की मूल एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें पंचकर्म (5 क्रियाएँ) सहित कई प्रकार के उपचारों का उपयोग किया जाता है।


 पंचकर्म के नाम निम्नलिखित हैं:- 1. योग 2. मालिश 3. एक्यूपंक्चर 4. हर्बल मेडिसिन 5. स्वास्थ्य को बढ़ावा। आयुर्वेद चिकित्सा की एक प्राकृतिक प्रणाली है, जिसकी उत्पत्ति भारत में 3000 वर्ष से भी पहले हुई थी। आयुर्वेद शब्द संस्कृत शब्दों (आयुर् एवं वेद) से लिया गया एक शब्द है आयुर् जिसका अर्थ है जीवन और वेद जिसका अर्थ है विज्ञान। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि आयुर्वेद हमें प्रकृति के माध्यम से जीवन का संपूर्ण ज्ञान सिखाता है।


आयुर्वेद के सात चरण: दरअसल, आयुर्वेद के इन सात चरणों को सप्त धातु कहा जाता है। प्रत्येक चरण का हमारे जीवन के लिए अपना महत्व है। ये निम्नलिखित हैं:-

  1. रस: रस स्वाद से कहीं अधिक बड़ी अवधारणा है, जहाँ स्वाद किसी बड़ी अवधारणा में प्रवेश करने वाला पहला उपकरण है। जिससे की जीवित प्राणी इस रस का आनंद लेता है।
  2. रक्त: "रक्त" शब्द देवनागरी शब्द "राज रंजने" से लिया गया है, जिसका अर्थ लाल रंग होता है।
  3. मांस: यह संस्कृत शब्द "मनसा" से लिया गया है, जो आयुर्वेद में तीसरे ऊतक, मांसपेशी ऊतक को दर्शाता है।
  4. मेद: आयुर्वेद चिकित्सा में, यह धातु ऊतक का प्रतिनिधित्व करता है जो वसा का प्रतिनिधित्व करता है।
  5. अस्थि: आयुर्वेद में, अस्थि शरीर रचना के संदर्भ में मानव शरीर के बारे में दर्शाता है।
  6. मज्जा: यह तंत्रिका तंत्र से संबंधित है और मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में चयापचय प्रक्रियाओं को विनियमित करने वाला होता है।
  7. शुक्र: इसे शरीर में सातवीं धातु माना जाता है। यह शरीर का अंतिम ऊतक तत्व है।
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आयुर्वेद के चार स्तंभ:

हमारे विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे बताते हैं कि आयुर्वेद के चार स्तंभ होते हैं जो हमें अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में हमारी मदद करते हैं। ये चार स्तंभ निम्नलिखित हैं-

1. हमारी दिनचर्या: हम अपनी दिनचर्या के साथ इस प्रकृति में कैसे रहते हैं, यह हमेशा हमारे शरीर के लिए मायने रखता है। यह हमारी प्रकृति को भी व्यक्त करता है।

2. शरीर के लिए पोषण: हम क्या खाते हैं और हमारी इंद्रियाँ क्या अनुभव करती हैं, यह हमारे स्वस्थ शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। एक कहावत है कि हम जैसा खाते है, वैसे ही बनते है।

3. शरीर का पाचन: हम जो कुछ भी अपने शरीर में ग्रहण करते हैं, उसे हम कैसे पचाते और उत्सर्जित करते हैं, यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है।

4. ऊर्जा प्रबंधन: मनोवैज्ञानिक, तनाव और कई अन्य घटनाएँ हमारे दिमाग में चलती रहती हैं। हमारा ऊर्जा स्तर इसे कैसे प्रबंधित करता है, यह हमारी सोच का संकेत है। ऊर्जा का संचयन व सकारात्मक व्यय हमारे शरीर में एक प्रतिफल के रूप में होता है।


आज की हमारी चर्चा का मुख्य बिंदु आयुर्वेदिक चिकित्सा और हमारे यौन स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सक पर आधारित है। भारत के विभिन्न शहरों से कई लोगों ने हमसे आयुर्वेद और हमारे दैनिक जीवन में इसके महत्व के बारे में कुछ जानकारी साझा करने का अनुरोध किया। यहाँ दुबे क्लिनिक ने स्वस्थ जीवन के लिए प्राकृतिक प्रद्धति एवं इसके दवाओं के बारे में कुछ जानकारी साझा करने की कोशिश की है। हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद वे लोग इस प्राकृतिक चिकित्सा की पद्धति से संतुष्ट होंगे जो हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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बहुत सारे लोगो ने यह पूछा कि यौन रोगियों के उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे सफल क्यों है?

यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है क्योकि बहुत सारे लोग जो लोग आयुर्वेदिक उपचार को हल्के में लेते है। निश्चित ही, आयुर्वेदिक उपचार के वास्तविकता को समझेंगे तो उन्हें बहुत फायदा होगा। वास्तव में, आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली जड़ी-बूटियों, रस - रसायनों, भस्मो  आदि जैसे प्राकृतिक पदार्थों पर आधारित है। आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य इस चिकित्सा प्रणाली में विशेषज्ञता रखते हैं। डॉ. सुनील दुबे एक विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और पटना में सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं, जिन्हें आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान में साढ़े तीन दशकों से भी अधिक समय का अनुभव है।


उनका मानना है कि आयुर्वेद में किसी भी बीमारी का 100% सटीक व शुद्ध उपचार और दवा उपलब्ध है। वे भारत में एक वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में दुबे क्लिनिक में कार्यरत हैं साथ-ही-साथ वे पुरुषों, महिलाओं, युवा और मध्यम आयु वर्ग के सभी प्रकार के यौन रोगियों को अपना आयुर्वेदिक उपचार और दवा प्रदान करते हैं।


उनका कहना है कि आयुर्वेदिक दवाएँ महंगी हो सकती हैं क्योंकि वे शुद्धिकरण से लेकर निर्माण तक की कई प्रक्रियाओं के लिए प्राकृतिक अवयवों के अधीन होने के बाद बनाई जाती हैं। इन सभी प्रक्रियाओं में मैन्युअल रूप से और गर्मी या अन्य रूपों में बहुत अधिक ऊर्जा की खपत होती है। यही कारण है कि यह महंगा हो सकता है लेकिन इसे सभी उद्देश्यों के लिए गुणवत्ता-सिद्ध और सत्यापित होना चाहिए। आजकल के प्रतिस्पर्धा में सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर ने गुणवत्ता कम मात्रा पर अधिक ध्यान दिया है जिससे वे मरीज को तो बेवकूफ बना देते है, परन्तु इस पेशे के वास्तविक्ता को नहीं।

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आयुर्वेदिक दवाएं उन सभी यौन रोगियों (पुरुषों व महिलाओं) के लिए सबसे सफल उपचार प्रक्रिया है जो विभिन्न प्रकार के यौन रोगों से पीड़ित हैं।

पुरुष यौन रोगियों के लिए:-  जो पुरुष इरेक्शन की समस्या (कमजोर इरेक्शन, कभी-कभार इरेक्शन व  इरेक्शन न की स्थिति), स्खलन विकार (शीघ्रपतन, प्रतिगामी स्खलन, व विलम्बित स्खलन), यौन संचारित रोग, धातु रोग, कामेच्छा और बांझपन की समस्याओं से पीड़ित हैं।


 महिला यौन रोगियों के लिए:- जो मासिक धर्म की समस्याओं, यौन विकार, योनि संबंधी समस्याओं, यौन संचारित संक्रमण, दर्द विकार, वैजिनिस्मस आदि से पीड़ित हैं।


आयुर्वेद की विशेषता: हमारे आयुर्वेदाचार्य आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी के चिकित्सा संकाय में भारत के नंबर वन आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनसे इलाज के लिए भारत के साथ-साथ बिहार के पूरे जिलों से यौन रोगी हमेशा दुबे क्लिनिक आते हैं, इसलिए; वे उन सभी के लिए बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट हैं। उनका लोगो से यही कहना है कि चिकित्सा की यह प्राकृतिक प्रणाली हमेशा यौन रोगियों को सुरक्षित, शुद्ध, प्रभावी और विश्वसनीय उपचार प्रदान करती है। यह रोगो को जड़ से ख़त्म करती है जिससे कि यौन या गुप्त रोगी को आजीवन उसके परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।


आयुर्वेद चिकित्सा की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:-


  • संपूर्ण यौन समस्याओं से राहत मिलती है।
  • प्राकृतिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट गुणों में सुधार करता है।
  • प्रतिरक्षा और रोगाणुरोधी गुणों का निर्माण करता है।
  • मनोवैज्ञानिक रूप से तनाव प्रबंधन में मदद करता है।
  • हृदय, त्वचा, जोड़, यकृत और शरीर के लिए अच्छा है।
  • पाचन स्वास्थ्य के लिए हमेशा अच्छा है।
  • श्वसन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
  • कोई भी रोगी इस आयुर्वेदिक दवा का उपयोग कर सकता है।
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दुबे क्लिनिक के बारे में:


दुबे क्लिनिक बिहार का पहला आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो कि पटना के लंगर टोली, चौराहा के नजदीक स्थित है। वर्तमान समय में सभी भारतीय यौन रोगियों के लिए यह आयुर्वेदिक क्लिनिक सबसे विश्वसनीय स्थान है। यह एक प्रमाणित क्लिनिक है जो कि 60 वर्षों से यौन रोगियों की सेवा व उनका इलाज करते आ रहा है। वास्तव में, इस आयुर्वेदिक क्लिनिक की 6 दशकों की विरासत लाखों लोगों के विश्वास के साथ खड़ी है। यह चिकित्सालय अपने प्राकृतिक दवा व इलाज के गुणवत्ता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।


 डॉ. सुनील दुबे एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो दुनिया के शीर्ष-5 वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर की सूची में स्थान रखते हैं। वे पहले भारतीय सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर भी हैं जिनको कि भारत गौरव पुरस्कार, स्वर्ण पदक, अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद रत्न पुरस्कार और एशिया फेम आयुर्वेदिक सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से सम्मानित किया गया है। वह दुबे क्लिनिक नित्य-दिन प्रैक्टिस करते हैं, जहाँ पूरे भारत से सौ से अधिक यौन रोगी प्रतिदिन उनसे फ़ोन पर संपर्क करते हैं। एक तिहाई यौन रोगी पटना के दुबे क्लिनिक में अपना इलाज करवाने आते हैं। वह उन सभी की उचित प्रतिक्रिया देते हैं और उन्हें उनका इलाज और दवाएँ देने में मदद करते है।


शुभकामनाओं के साथ:

दुबे क्लिनिक

भारत में एक प्रमाणित क्लिनिक

डॉ. सुनील दुबे, गोल्ड मेडलिस्ट सेक्सोलॉजिस्ट

बी.ए.एम.एस. (रांची) | एम.आर.एस.एच. (लंदन) | आयुर्वेद में पी.एच.डी. (यू.एस.ए.)

स्थान: दुबे मार्केट, लंगर टोली, चौराहा, पटना - 04

हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112

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